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  • ग्राम रलिया में डॉ. महंत हाथी प्रभावितों से मिले

    ग्राम रलिया में डॉ. महंत हाथी प्रभावितों से मिले

    कोरबा जिलान्तर्गत ग्राम रलिया में विगत दिनों हाथी के हमले से गायत्री देवी राठौर की मृत्यु हो गई जो कि ग्राम रलिया के व्यवसायी रामचरण राठौर की भाभी एवं अमित राठौर की माता व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता थीं। मृतक के परिवार से दु:ख के घड़ी में शोक व्यक्त करने उनके निवास पर पहुंचे नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाया। उनके साथ पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, पूर्व विधायक राज्य मंत्री पुरुषोत्तम कंवर एवं महिला कांग्रेस कमेटी जिला अध्यक्ष श्रीमती प्रभा सिंह तंवर के द्वारा भी हाथी प्रभावित मृतक के परिवार से भेंट कर दु:ख व्यक्त कर ढांढस बंधाया गया।

  • बालको से जुड़ी कृपा राठिया लाल किला समारोह में शामिल

    बालको से जुड़ी कृपा राठिया लाल किला समारोह में शामिल

    मोर जल मोर माटी परियोजना से जुड़कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनी

    बालकोनगर, 17 अगस्त, 2024। बेला गांव की निवासी श्रीमती कृपा राठिया लाल किला समारोह में शामिल होने के बाद अपनी खुशी को बयां करते हुए“` कहा कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एसएचजी महिलाओं की बात करके हमारे हौंसलों को बढ़ाया है। जहां चाह वहां राह कहावत को चरितार्थ करते हुए श्रीमती कृपा 78 वें स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में हुई शामिल। जीवन में खुद के पहचान एवं आर्थिक चुनौतियों को मात देते हुए कृपा राठिया ने अपनी खुद की पहचान बनाई हैं।

    हम सभी के लिए गर्व की बात की मिनिस्ट्री ऑफ माइंस की तरफ से देश भर से चुनिंदा औद्योगिक कंपनियों को ही बुलाया गया था। कार्यक्रम में शामिल होने वाली बालको छत्तीसगढ़ की एकमात्र कंपनी थी। देश भर के विभिन्न संस्थानों से 11 लोगों को इस समारोह में बुलाया गया जिसमें बालको, छत्तीसगढ़ की ओर से श्रीमती कृपा को शामिल होने का अवसर मिला।

    मजबूती से घर की जिम्मेदारियों को पूरा करते हुए आगे बढ़ने के लिए बालको की परियोजना मोर जल मोर माटी से जुड़ी। 11 साल के बच्चे की मां श्रीमती कृपा ने सामुदायिक परियोजना से जुड़कर विभिन्न प्रशिक्षण प्राप्त किये हैं। कई वर्षो में इन्होंने अपनी सफलता की कहानी को स्वयं आकार दिया है। सफल उद्यमी बनकर आज समुदाय की महिलाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत भी हैं। परियोजना की मदद से इन्होंने मुर्गी पालन का व्यवसाय शुरू किया जिससे साल में 50 हजार की आमदनी होती है। इसके साथ ही अपने मेहनत और लगन से कृषि क्षेत्र में भी उत्कृष्ट योगदान दे रही है। अपनी आर्थिक आत्मनिर्भरता की कहानी से इन्होंने विकसित भारत के सपने को साकार किया है मिसाल पेश की है।

    श्रीमती कृपा राठिया ने लाल किला समारोह की चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को ध्वजारोहण करते देखकर मन आनन्दित हो गया। कार्यक्रम को व्यक्तिगत रूप से अनुभव करना तथा प्रधानमंत्री और पूरे मंत्रालय को आमने-सामने से देखना मेरे लिए सबसे खास था। उन्होंने कहा कि मैं इस अनुभव के लिए बालको को धन्यवाद कहना चाहूंगी की उन्होंने मुझे इस कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर दिया। बालको की सामुदायिक परियोजना ने मुझे सशक्त बनाने के साथ हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने बताया कि सरपंच ने पूरे गांव को बताया है कि वह दिल्ली गई हैं और उनके पूरे गांव से बधाई संदेशों की बाढ़ आ गई है।

    लाल किला से प्रधानमंत्री ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ने वाली हमारी बहनों की संख्या 10 करोड़ तक पहुंच गई। उन्हीं में से एक श्रीमती कृपा राठिया स्वयं सहायता समूह से जुड़ आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनी हैं। बालको की उन्नति परियोजना जीपीआर स्ट्रैटेजीज़ एंड सॉल्यूशंस (जीपीआरएसएस) के साथ साझेदारी में चल रही है। इस परियोजना से कोरबा के 45 शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 535 स्वयं सहायता समूहों की लगभग 5751 महिलाओं को विभिन्न कार्यक्रमों से लाभ मिल रहा है। परियोजना के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों के फेडरेशन विकास की दिशा में कार्य जारी है। महिलाओं को क्षमता निर्माण, वित्तीय प्रबंधन, सूक्ष्म उद्यमों के प्रचालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

    मोर जल मोर माटी परियोजना 32 गांवों में 1800 एकड़ से अधिक भूमि के साथ 4749 किसानों तक अपनी पहुंच बना चुका है। किसान आजीविका के लिए कृषि के साथ पशुपालन, बागवानी और वनोपज जैसी गतिविधियों से जुड़े हुए हैं। बालको अपने सामुदायिक विकास कार्यों की मदद से शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, जल एवं स्वच्छता, महिला सशक्तिकरण, स्थायी आजीविका और पर्यावरण, संरक्षण में उल्लेखनीय भूमिका निभा रहा है।

  • बालको ने ‘विकसित भारत’ विजन के साथ मनाया 78वां स्वतंत्रता दिवस

    बालको ने ‘विकसित भारत’ विजन के साथ मनाया 78वां स्वतंत्रता दिवस

    बालकोनगर, । वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने कर्मचारियों एव बिजनेस पार्टनर की उपस्थिति में 78वां स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने प्रशासनिक भवन परिसर में ध्वजारोहण कर कार्यक्रम की शुरुआत की। राष्ट्रगान के उपरांत उन्होंने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए ‘विकसित भारत’ के विजन के प्रति बालको की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। बालको प्रबंधन ने समारोह में राष्ट्र निर्माण में स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद किया।

    भारत की विकास गाथा में कंपनी के योगदान के पर बोलते हुए श्री राजेश कुमार ने कहा कि हम 78वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना रहे हैं। करीब छह दशकों से बालको देश के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हमारी यात्रा में ऐसे मील के पत्थर शामिल हैं जो प्रचालन उत्कृष्टता और सतत् विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। विस्तार परियोजना के माध्यम से बालको वैश्विक ‘वन मिलियन टन क्लब’ में शामिल होने और देश को दुनिया की एल्यूमिनियम राजधानी के तौर पर स्थापित करने के लिए तैयार है। ‘विकसित भारत’ के लिए कंपनी के हमारे कर्मचारी कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ने के लिए कटिबद्ध हैं। हम प्रचालन उत्कृष्टता, नवाचार का उपयोग, सामुदायिक विकास और पर्यावरण संरक्षण को आगे बढ़ाकर एल्यूमिनियम उद्योग को मजबूत कर रहे हैं। हम अपने इन्हीं प्रयासों से भावी पीढ़ी के लिए एक आत्मनिर्भर, समृद्ध राष्ट्र का निर्माण कर रहे हैं।

    कार्यक्रम में एक विशेष स्वतंत्रता दिवस वीडियो को प्रदर्शित किया जिसमें ‘विकसित भारत’ थीम के साथ बालको के प्रयासों को दिखाया गया। वीडियो में बालको की व्यावसायिक प्रथाओं के माध्यम से राष्ट्र निर्माण के प्रति प्रतिबद्धता और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में इसके योगदान के प्रयासों को दर्शाया गया है। सामुदायिक जुड़ाव की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए श्री राजेश एवं कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने बालको अस्पताल के मरीजों को फल वितरित किया। सीईओ ने व्यक्तिगत रूप से सभी का हालचाल पूछा और उन्हें शीघ्र स्वस्थ होने की शुभकामनाएं दीं। श्री राजेश सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा को सुलभ बनाने की दिशा में निस्वार्थ समर्पण के लिए बालको अस्पताल के चिकित्सकों, चिकित्साकर्मियों के प्रति आभार और प्रशंसा व्यक्त की।

    भारत सरकार के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का जश्न मनाते हुए बालको परिवार के सदस्यों ने अपने-अपने घरों पर तिरंगा लगाने के उत्सव में बढ़-चढ़ के हिस्सा लिया। अभियान का हिस्सा बनकर सभी ने अपनी देशभक्ति की भावना और राष्ट्र के प्रति समर्पण को प्रदर्शित किया।

    बालको का स्वतंत्रता दिवस समारोह लोकतंत्र और राष्ट्रीय विकास के सिद्धांतों के प्रति कंपनी के समर्पण का एक प्रदर्शन था जिसमें ‘विकसित भारत’ की यात्रा में योगदान देने की झलक दिखाई दी।

  • भाजपा मण्डल अध्यक्ष की गुंडागर्दी, एसईसीएल कर्मचारी से मारपीट

    0 कांग्रेस का भाजपा पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप

    कोरबा। स्थानीय भाजपा नेता सत्ता बल के दम पर कोयला के काम मे मनमानी पर उतारू है। ताजा मामला कोरबा जिले के पाली क्षेत्र का हैं जहाँ भाजपा के मण्डल अध्यक्ष रोशन सिंह ठाकुर ने अपने पार्टी के कार्यकर्ता साथी लाला ठाकुर, सौरभ श्रीवास के साथ मिलकर भारत सरकार की नवरत्न कम्पनी में शामिल एसईसीएल के कमर्चारी के साथ मारपीट की। उक्त मारपीट की घटना में अधिकारियों ने अपने साथी कर्मचारि को जैसे तैसे बचा लिया। उसके सदस्यों ने जान से मारने की धमकी तो कर्मचारी को दे ही डाली। घटना से प्रभावित एवं भयभीत कर्मचारी पाली पुलिस थाने पहुँच कर शिकायत दर्ज कराते हुए अपनी जान की सुरक्षा मांग रहा हैं किंतु सत्ता के दबाव में पुलिस कर्मी न्याय से बचते दिख रहे। घटना की शिकायत के बाद सब एरिया प्रबंधक ने इन सभी लोगो को खदान में प्रवेश पर पाबंदी लगा देने सम्बन्धी आदेश जारी कर दिया है। घटना क्रम पर तीखी प्रतिक्रिया व्याप्त है।

    यह घटना सरायपाली खदान में कोयला परिवहन के दौरान सैंपलिंग के लिए वाहन रोकने की बात को लेकर हुई । यहां रोशन ठाकुर और उसके लोगों लाला, सौरभ, गाड़ी चालक ने मिलकर जूनियर टेक्निकल ऑफीसर रूपचंद देवांगन के साथ गाली गलौज कर जान की धमकी देते हुए मारपीट को अंजाम दिया। मौके पर उपस्थित अधिकारी ने बीच बचाव किया। रूपचंद देवांगन ने मामले की लिखित शिकायत विभाग के अधिकारियों को देने के साथ-साथ पाली थाना में भी दिया है।

    0 पहले भी कर चुके है गुंडागर्दी

    बता दें कि खदानों से कोयला परिवहन के दौरान बड़े पैमाने पर अफरा-तफरी हो रही है। जिस कोयले का उठाव करना है, उसकी जगह दबंगई पूर्वक दूसरे क्वालिटी का कोयला परिवहन करने का काम हो रहा है। इस मामले में भी यही बात सामने आई है। विभागीय कुछ बड़े अधिकारियों की सांठगांठ कुछ ट्रांसपोर्टरों से है और उनकी मिलीभगत से कोयला का खेल हो रहा है। इस घटना के बाद जब मामला थाना तक पहुंचा तो समझौता करने के लिए भी लगातार दबाव जूनियर टेक्निकल ऑफीसर पर डाला जा रहा है। इसके पहले 9 अगस्त को भी इसी खदान में ऐसा ही मामला हुआ था जिसमें आरओएम कोयला के स्थान पर स्टीम कोयला का परिवहन को रोकने का प्रयास किया गया थ, तब भी विवाद हुआ था और आज मारपीट कर दी गई। रोशन सिंह पहले भी गुंडागर्दी कर चुका है व थाना में मामला पंजीबद्ध है।

  • पेरिस की कसक लॉस एंजिलिस में होगी दूर

    पेरिस की कसक लॉस एंजिलिस में होगी दूर

    – डॉ. पीयूष जैन
    1967 में शक्ति सामंत के निर्देशन में फिल्म आई थी एन इवनिंग इन पेरिस। इस फिल्म में रहस्य था, साविश थी, रोमांच था। कई सालों के बाद इस फिल्म की याद इसलिए आ रही है कि इस बार के पेरिस ओलंपिक में भारत खिलाडिय़ों की सफलता व विफलता उक्त फिल्म के रहस्य व रोमांच की तरह भरी रही। भारत के खिलाडिय़ों, खेल विशेषज्ञों, खेल प्रशिक्षकों आदि के लिए यह ओलपिक भविष्य के लिए कई चुनौतियों को छोडक़र गया है। लॉस एजिलिस ओलंपिक भले ही चार साल दूर है, लेकिन आगामी ओलंपिक में सफलता की पटकथा अभी से शुरू करना देगा। पेरिस ओलंपिक ने कई सोखें दी हैं जो भविष्य की राह आसान कर सकती हैं। भारत उस मनहूस दिन को कभी भूल नहीं सकता, जब विनेश फोगाट को लेकर ओवरवेट की खबरे आई। उनके फाइनल खेलने पर रोक लगी तो पूरा देश स्तब्ध हो गया। सभी मान कर चल रहे थे कि 50 किलो भार में भारत को स्वर्ण पदक मिलेगा। जिस तरह विनेश आगे बड़ रही थी, यह मुश्किल भी नहीं था। जैसा फिल्मों में होता है क्लाइमैक्स, यह किसी भी फिल्म को कई पॉईंट देता है, यहीं से फिल्म की रूपरेखा बदलती है। कुछ ऐसा ही ओलंपिक में हुआ, निश्चित तौर पर खिलाडिय़ों व खेल प्रेमियों को झटका लगा। जिस तरह से निशानेबाजी में मनु भाकर ने शुरुआत की, आरो पूरा देश रोमांचित हो उठा था। पेरिस के लिए खिलाडिय़ों ने भी खूब पसीने बए थे। कुल मिलकर कहें तो यह ओलिंपिक हमारे लिए मिश्रित सा रूप है। एक तरफ हम पिछले टोक्यो ओलिंपिक से एक मेडल कम लेकर आए वह भी गोल्ड वहीं दूसरी और इस बार हमने शूटिंग खेल में 3 ब्रॉज मेडल जीते और 3 इवेंट में हम चौथे स्थान पर रहे। वेटलिफ्टिंग, आर्चरी बैडमिंटन में भी हम कम से कम ब्रांज मेडल से चूके हैं। वॉक्सिंग में मेडल से सिर्फ एक जीत से हमारे बॉक्सर दूर रहे। रेसलिंग में बदकिस्मती ने हमारा स्वार्थ नहीं छोड़ और विनेश फोगट तथा निशा दहिया का मेडल आते-आते रह गया, वह सबको पता है। हॉकी का बॉल इस मामले में सुखद है कि हम लगातार दूसरी बार विश्व में तीसरे नंबर पर रहे। नीरज चोपड़ा ने हमें लगातार दूसरी बार गौरव का अहसास कराया लेकिन सच यह भी है कि पूरे ओलिंपिक में भारत देश का हर खेलप्रेमी नीरज का ही गोल्ड पक्का मानकर चल रहा था। यदि नीरज गोल्ड लेकर आता तो निश्चित रूप से हमारी रैंक 52 नंबर पर होती। एक गोल्ड ने हमें 20 देशों के नीचे लाकर खड़ा कर दिया।
    सही में यदि हम पेरिस ओलिंपिक का आंकलन करें तो नंबर 1 पर रहने वाले अमेरिका ने इसे मेडल जीते हैं, जितने कि हमारे एथलीट पेरिस में नहीं गए। उसने 117 एथलीट इस ओलिंपिक में खेलने के लिए व वहीं अमेरिका ने 40 गोल्ड मेडल के साथ कुल 126 मेडल जीते, दुख की बात यह रही कि हमारा पोसी देश पाकिस्तान सिर्फ 1 गोल्ड मेडल जीत कर हमसे 9 स्थान ऊपर रहा है। हम 84 मेडल विनर देशों के बीच 71वें नंबर पर रहे।
    सबके जहन में कुछ दिन तक यही रहेगा कि हम विश्व की सबसे युवा आबादी वाले देश जो कि विश्व में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश भी है वह ओलंपिक की पदक तालिका में सबसे नीचे से क्यों गिना जाता है, क्यों हमारी गिनती नीचे से शुरू होती है और 46 पदक लेकर खुश होते और जश्न मनाते हैं।
    इसके पीछे की एक बड़ी वजह यह है कि आज भी हमारे देश में खेल और शारीरिक शिक्षा को सबसे नीचे पायदान पर माना जाता है। देश के 50 प्रतिशत से अधिक स्कूलों में आज भी शारीरिक शिक्षक और खेल प्रशिक्षक नहीं है और वहां पर है भी वह भी खेल के सुविधाओं के अभाव में कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं। मेरा हमेशा से मानना है कि देश में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है जरूरत है उन्हें स्कूल लेवल से ही तराशने की, पिछले 10 वर्षों से इस क्षेत्र में काफी काम तो हुआ है लेकिन फिर भी खेल शक्ति बनने के लिए यह सब नाकाफी है। आज इस बात की जरूरत है हम देशभर के स्कूलों में शारीरिक शिक्षकों को उनका उचित सम्मान दें, उनको सुविधा दें जिससे कि वह खिलाडिय़ों के बीच में हुये हुए टैलेंट को बाहर निकालकर देश में खेलों के लिए एक सुखद माहौल तैयार कर सकें। आप माने या ना माने लेकिन एक कड़वा सच यह भी है कि देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से केवल 2-4 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पिछले 20 सालों से शारीरिक शिक्षकों के लिए स्थायी नौकरी निकाली है और अनुबंध के आधार पर नौकरी निकली भी है वह भी 3000 से लेकर अधिकतम 20000 रुपए सैलरी ही दे रहे हैं। अब ऐसे में वह शिक्षक कैसे देश के खेल विकास में योगदान देगा।
    भारतीय जनमानस में अब यह कहावत की खेलोगे कूदोगे तो बनोगे खराब और पड़ेगे लिखोगे तो बचेंगे शनेश अब उसकी जगह आ गया है कि-खेलोगे कूदोगे तो बनोगे लाजवाब और पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब लेकिन लाजवाब बनाने के लिए अभी जमीन स्तर पर बहुत कुछ करना बाकी है। केंद्र सरकार की खेलो इंडिया टॉप्स जैसी स्कीमों ने एक लेवल पर पहुंचे हुए खिलाड़ी को मदद की है लेकिन जमीनी स्तर पर अभी हालत जस के तस है। अब जरूरत है एक अच्छे स्तर से पॉलिसी बनाकर देश के स्कूलों को उसका केंद्र बनाया जाए जहां पर खिलाडिय़ों के उचित सुख-सुविधा और उच्च क्वालिटी का प्रशिक्षण दिया जाए तो वह दिन दूर नहीं होगा जब हम भी दूसरे देशों की तरह ओलंपिक होने पर तालिका में पहले 10 देश में आएंगे।

    (लेखक पेफी के राष्ट्रीय सचिव सह भारतीय खेल प्राधिकरण के स्वायत्वशासी निकाय के सदस्य है)

  • नियोक्ता व दोषी अधिकारियों के विरुद्ध हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करेंगे : जायसवाल

    नियोक्ता व दोषी अधिकारियों के विरुद्ध हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करेंगे : जायसवाल

    एनएफआईटीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. दीपक जायसवाल की पत्रवार्ता

    कोरबा। कोरबा, कटघोरा, जांजगीर देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित जिला तथा सबसे अधिक मानव दुर्घटना क्षेत्र हैं। राष्ट्रीय कालरी मजदूर कांग्रेस (आर.सी.एम.सी.) अब चुप नहीं बैठ सकती इसीलिए जनचेतना के माध्यम से खनन अधिकारी, डी.जी.एम.एस एवं पर्यावरण अधिकारियों का घेराव कर जनचेतना लाएगी। ऐसे अपराध करने वाले कम्पनियों के नियोक्ता तथा दोषी अधिकारियों के विरुद्ध छत्तीसगढ़ उच्च न्यायलय में जनहित याचिका दायर करने पर सहमति बनी है।
    राष्ट्रीय कालरी मजदूर कांग्रेस जिसका पंजीयन वर्ष 1948 में किया गया था सम्बन्धित एन.एफ. आई.टी.यू. (भारत सरकार से मान्यता प्राप्त) संगठन की दो दिवसीय प्रबंध कार्यकारिणी की बैठक यूनियन कार्यालय में सम्पन्न हुई।
    डॉ. दीपक जायसवाल, राष्ट्रीय अध्यक्ष (एन.एफ.आई.टी.यू.) व राष्ट्रीय महासचिव (आर.सी.एम.सी.) ने प्रेस क्लब तिलक भवन में पत्रवार्ता आहूत कर कहा कि देश आज स्वतंत्रता दिवस की 78वी वर्षगांठ मना रहा है। देश में कोयला एवं ऊर्जा नगरी से विख्यात सरकारी कम्पनी के नियोक्ता धडल्ले से माईन्स एक्ट / माईन्स रूल्स, आई.डी. एक्ट के साथ वन एवं पर्यावरण कानून का लगातार उल्लंघन कर यंहा के निवासियों के जान का खतरा बना चुके हैं। बड़े आश्चर्य की बात है कि सरकार किसी भी पार्टी की हो, सरकार एवं सरकारी कर्मचारियों के साथ जनप्रतिनिधि भी मौन हैं।
    डी.जी.एम.एस., श्रम मंत्री, केन्द्रीय श्रम सचिव, एवं नियोक्ताओं को राष्ट्रीय कालरी मजदूर कांग्रेस (आर.सी.एम.सी.) द्वारा कई नोटिस दिए, परन्तु अपराध जारी है एवं इस अपराध में प्राइवेट कम्पनी तथा बालको एवं अन्य उद्योग भी आगे हैं, लगातार दुर्घटनायें बढ़ रही है। वायु प्रदुषण मानक से चार गुना रहता है। अब राष्ट्रीय कालरी मजदूर कांग्रेस (आर.सी.एम.सी.) चुप नहीं बैठ सकती इसीलिए जनचेतना के माध्यम से खनन अधिकारी, डी.जी.एम.एस एवं पर्यावरण अधिकारीयों का घेराव कर जनचेतना लाएगी। ऐसे अपराध करने वाले कम्पनियों के नियोक्ता तथा दोषी अधिकारियों के विरुद्ध छत्तीसगढ़ उच्च न्यायलय में जनहित याचिका दायर करने पर सहमती बनी है।
    यूनियन की प्रबंध कार्यकारिणी ने कई प्रस्ताव/संकल्प पारित किये हैं। बी.एम.एस. को छोड़ इंटक (रेड्डी गुट)/एटक/सीटू/एच.एम.एस. संगठन एवं एस.ई.सी.एल. के साथ कानून तोडऩे में संलिप्त हैं।
    डॉ. दीपक जायसवाल ने कहा कि प्रजातंत्र का चौथा स्तंभ कोरबा के पत्रकार / प्रेस क्लब समय समय पर गैरकानूनन गतिविधियों को उठाता रहता है। सरकारी उपक्रम एस.ई.सी.एल./ एन.टी.पी.सी. के राज्य एवं प्राइवेट माईन्स, कारखाने क्षेत्रीय हितों की उपेक्षा कर रहे हैं.। सी.एस.आर, एवं डी.एम.आर. फण्ड का राशि जमीनी स्तर पर नजर नहीं आता है। इस क्षेत्र के कई श्रमिक नेता आपराधिक कृत्यों पर जमानत पर हैं। मोदी सरकार ने केन्द्रीय भविष्य निधि संगठन में ट्रस्टी मनोनीत किया है। नियोक्ता / पात्र कामगारों का ई.पी.एफ./ ई.एस.आई.सी. के रूपये जमा कराएँ तथा मोदी के गारन्टी पूरी करने मोदी समर्थक आगे आएं। पत्रवार्ता में सिष्टा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरपी खाण्डे, श्रमिक नेता ईश्वर सिंह चंदेल, जेपी नामदेव बालको भी उपस्थित थे।

  • अमेरिका की शिक्षा प्रणाली को डॉ. महंत ने फिलिप्स अकादमी में समझा

    अमेरिका की शिक्षा प्रणाली को डॉ. महंत ने फिलिप्स अकादमी में समझा

    0 छत्तीसगढ़ में संभावनाओं पर संस्था प्रमुखों से चर्चा की
    यूएसए के लुईसविले, केंटकी में राज्य विधानमंडलों के राष्ट्रीय सम्मेलन (एनसीएसएल) और राष्ट्रीय विधानमंडल सम्मेलन भारत (एनएलसी भारत) द्वारा आयोजित हो रहे विधायी शिखर सम्मेलन 2024 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत भी शामिल हुए हैं। उन्होंंने सम्मेलन के सत्र में बोस्टन अमेरिका की विश्व प्रसिद्ध शिक्षण संस्था फिलिप्स अकादमी का अवलोकन किया। अपने इस दौरे में संस्था के भ्रमण उपरान्त संस्था के प्राचार्य एवं संचालकों से मुलाक़ात कर अमेरिका की शिक्षा प्रणाली पर विस्तृत चर्चा की तथा उन सम्भावनाओं पर भी चर्चा की जिससे छत्तीसगढ़ में शिक्षा का स्तर और भी सुधारा जा सके। इस भ्रमण के दौरान डॉ. महंत के पुत्र सूरज महंत भी उपस्थित रहे।

  • ओलंपिक 2024, विश्व पटल पर–हम कहां तुम कहां?

    ओलंपिक 2024, विश्व पटल पर–हम कहां तुम कहां?

    विश्व स्तर पर आयोजित होने वाला खेलों का महामेला , महाकुंभ, आज पेरिस में शानदार तरीके से आयोजित होकर समापन पर है।
    भाला फेंक से रजत, शूटिंग से तीन,हाकी से एक ,और कुश्ती से एक कांस्य कुल छः पदकों को झोली में डालकर , भारतीय टीम वापस आ रही है। जाहिर है उनका भव्य स्वागत होना चाहिए, उनकी मेहनत और इस उपलब्धि के लिए। पदक विजेताओं को बधाई, और पराजित आशार्थियों के प्रति सहानुभूति तथा आगामी सफता की शुभकामनाएं।
    विश्व में जनसंख्या की दृष्टि से सबसे ऊपर भारत है, करीब डेढ़ सौ सदस्यों का दल, खेल में शिरकत के लिए पेरिस गया था। कई खेलों में भाग लेने का अवसर मिला, कई खेलों के लिए पात्रता ही नहीं रही, उसे छोड़ दिया जाए। इस महा मेला में हमारी उपलब्धि, हमारी हैसियत क्या है?और विश्व पटल,या आकाश में हम , क्या सूरज, चांद,सितारे बन पाये,या जुगनू की तरह टिमटिमाते रह गये।
    इसके लिए पदक तालिका की तरफ नजर करना होगा। भारत का स्थान तालिका में 82 में से 71वें नंबर पर है। एशियन देश थाईलैंड, इंडोनेशिया भी ऊपर हैं, चीन जापान की बात तो छोड़ दीजिए। खेल में श्रेष्ठता प्रमाणित करने के लिए स्वर्ण का तगमा हासिल करना आवश्यक है, अफसोस हम साबित करने से वंचित रह गए। आज तक कुल जमा जितने स्वर्ण पदक हमारे पास हैं,उतने तो कई बार एक खिलाड़ी एक सीजन में हासिल कर लेता है।
    जब भी कोई भारतीय खिलाड़ी किसी खेल में जोर आजमाईश करता है, हर भारतवासी भावनात्मक रूप से जुड़ जाता है, हर कोई चाहता है कि उसकी जीत ही हो, टीवी में मैच देखते देखते हमारे हाथ पांव हिलने डुलने लगते हैं, हमारा खिलाड़ी पूरे दमखम से जूझता है, मगर विपक्षी या प्रतिद्वंद्वी अक्सर बल और कौशल में भारी पड़ता है, खेल है अपना खिलाड़ी अंत में पराजित हो जाता है। कभी कभी हमारा खिलाड़ी हारे तब तो कोई बात है मगर अक्सर ही जब हमारा खिलाड़ी हारे तो जरूर चिंता और शोचनीय बात है, और यही दशा हमारी है। बात निराशा में डूबने की नहीं है बल्कि उबरने और सीखने की है,चूक कहां हो रही है, उसे दूर कर, शिखर तक पहुंचने की है। कई सालों से लकीर पीटते आ रहे हैं,अब समय आ गया है ठोस रणनीति बनाने का।भारत सरकार खेल विभाग, चीन, अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया आदि देशों की खेल नीतियों का अध्ययन करे। अच्छी नीति लागू करें, बचपन से प्रतिमाओं की खोज करे, किसी भी देश से योग्य प्रशिक्षण की व्यवस्था हो, खेल सुविधाएं मुहैय्या कराकर लंबे रेस के घोड़े तैयार किए जायें। खिलाड़ियों को, रोजगार सुरक्षा मिले। दुनिया में भारत सबसे बड़े मानव संसाधन से युक्त है, इसमें गुणवत्ता बढ़ाने की जरूरत है।
    भाला फेंक, कुश्ती, भारोत्तोलन, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, हाकी, नौका रेस आदि खेलों में सुधार से बेहतर प्रदर्शन में उम्मीद की किरण नजर आती है। खेल में जब तक पेशेवर रूख न अपनाया जायेगा, निराशा हाथ आती रहेगी।
    ओलंपिक इतिहास में हमारी प्रगति तो है मगर गति बहुत धीमी है, इसे स्वीकारते हुए अच्छी रणनीति के साथ आगे बढ़ें तो जरूर सफलता मिलेगी। यदि यही नीति और गति रही तो आगामी लास एंजिल्स में आने वाले परिणामों को झेलने के लिए अभी से खेल प्रेमी दिल को मजबूत कर लें , अच्छा रहेगा।
    बात खेल भर की नहीं है वरन् देश के समग्र विकास और विश्व में हमारी अस्मिता की भी है। यह तभी संभव है कि इतिहास से सबक लेकर , विश्वगुरु होने के भ्रम में न पड़कर,मानव संसाधन की गुणवत्ता बढ़ाते हुए, राष्ट्र को तरक्की की ऊंचाई तक पहुंचाया जाए।
    हमारा देश भी विकसित भारत बने, ताकि हम भी मातृ भूमि के लिए गर्व से कह सकें — “गर फ़िरदौस बर रुए जमींअस्त;, हमीं अस्तो,हमीं अस्त,”
    जय भारत !
    विजय बाजपेई ,बालको
    की कलम से…

  • बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम में शामिल हुईं कोरबा सांसद

    बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम में शामिल हुईं कोरबा सांसद

    0 हम सबको बेटियों का सम्मान करना चहिए : ज्योत्सना महंत

    कोरबा सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने कंट्रीट्यूशन क्लब दिल्ली में आयोजित गल्र्स काउंट्स बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम में शिरकत की। कार्यक्रम में लगभग तीस सांसदों ने उद्धबोधन दिया।
    कोरबा सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने अपने उद्धबोधन में कहा कि हर आदमी को बेटे की चाहत होती है, जबकि बेटियां, बेटों से आगे निकल गई है। आज छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश में बेटियों का अनुपात दर कम होते जा रहा है, जो चिंता का विषय है। चिकित्सकों को लिंग परीक्षण नहीं करना चाहिए, जो घोर पाप है, चिकित्सकों के साथ साथ हम सभी इसके लिए जिम्मेदार हैं जबकि बेटियों से ही बहु मिलती है। मेरी खुद तीन बेटियां हैं, और मैं बहुत खुश हूं। हम सबको बेटियों का सम्मान करना चहिए और भ्रूण हत्या को रोकना चाहिए। समारोह को असम सांसद मोइन खान, सामाजिक न्याय मंत्री रामदास आठवले, सांसद उत्तरप्रदेश बाराबंकी तनुज पुनिया ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर सांसद प्रतिनिधि इंजीनियर पोषक महंत, बेटी बचाओ अभियान संस्था के निदेशक डॉ. आस्था महंत अंबिकापुर, डॉ. नवीन श्रीवास्तव उपभोक्ता फोरम अध्यक्ष रायपुर, रतनदीप गुप्ता, देव राय आदि उपस्थित रहे।

  • बालको ने टीबी रोग के रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए चलाया जागरूकता अभियान

    बालको ने टीबी रोग के रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए चलाया जागरूकता अभियान

    बालकोनगर, 09 अगस्त 2024। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने टीबी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम महिला आरोग्य समिति (मास) और ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति (वीएचएसएनसी) के सदस्यों के बीच जागरूकता को बढ़ाने के लिए किया गया। डॉ. जी.एस. जात्रा नोडल अधिकारी टीबी/एचआईवी कार्यक्रम, कोरबा के नेतृत्व में प्रशिक्षण दिया गया। कंपनी द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दो बैचों में 100 से अधिक सदस्यों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।

    कार्यक्रम का उद्देश्य मास और वीएचएसएनसी सदस्यों को अपने-अपने क्षेत्र में टीबी रोग नियंत्रण और रोकथाम को लेकर उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करना। कार्यक्रम की मदद से मास और वीएचएसएनसी सदस्यों की क्षमता बढ़ाने के साथ सदस्यों द्वारा एक कार्य योजना विकसित करना जिससे टीबी रोग की चुनौतियों का सामना किया जा सके। कंपनी ने टीबी जागरूकता अभियान के तहत स्थानीय स्वास्थ्य निकाय (मास और वीएचएसएनसी) के 45 फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के रूप में तैयार किया। टीबी मुक्त भविष्य के लिए टीबी जागरूकता, पहचान, कारण, संपर्क ट्रेसिंग और परीक्षण में सुधार आदि के बारे में 600 से अधिक सामुदायिक सदस्यों को जागरूक किया गया।

    टीबी से पीड़ित व्यक्तियों के उपचार और स्वास्थ्य सुधार में उचित पोषण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक संतुलित आहार प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने, समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने और टीबी दवाओं की प्रभावशीलता को बढ़ाने में मदद करता है। पोषणयुक्त आहार सुनिश्चित करने के लिए कंपनी ने जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से निक्षय मित्र पहल को लागू किया। इसके अंतर्गत कंपनी ने 56 गांवों के 22 टीबी रोगियों के आहार के लिए 6 महीने तक कर्मचारियों की स्वयंसेवा के माध्यम से वित्तीय सहायता दी गई। सहायता प्राप्त 90 प्रतिशत लोगों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ तथा उपचाराधीन बाकी रोगियों के ठीक होने की संभावना सकारात्मक है।

    बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि कंपनी अपने संयंत्र के आसपास के समुदायों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस कार्यक्रम से समुदाय में टीबी रोग की पहचान कर उनका करने में आसानी होगी। समुदाय के स्वास्थ्य देखभाल को सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। हमारा लक्ष्य इस क्षेत्र में चिकित्सा सेवाओं को बढ़ाना है और इसके साथ दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और समुदाय के कमजोर वर्गों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।

    डॉ. जी.एस. जात्रा नोडल अधिकारी ने बालको मितान भवन में आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि मास और वीएचएसएनसी के सदस्य समुदाय में टीबी रोग नियंत्रण और रोकथाम पर चर्चा करके जागरूकता बढ़ाने का कार्य करें। प्रशिक्षण में मिली जानकारी से सदस्य समुदाय में टीबी रोग पर फैली भ्रांतियों को दूर करने का काम करें। इस तरह के कार्यक्रम कंपनी द्वारा समुदाय के स्वास्थ्य एवं भलाई की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

    बीते वित्तवर्ष 600 से अधिक सामुदायिक सदस्यों को टीबी रोग की समस्या के बारे में जागरूक किया। बालको की आरोग्य परियोजना स्वास्थ्य देखभाल और समुदाय की सेवा करने पर केंद्रित है। आरोग्य परियोजना के उपचारात्मक सेवाओं के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2024 में लगभग 49000 व्यक्तियों को स्वास्थ्य लाभ मिला है। कंपनी समुदायों के लिए स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न सामाजिक कल्याणकारी परियोजनाओं में सक्रिय रूप से शामिल रहा है। कंपनी हर 15 दिनों में दो मोबाइल स्वास्थ्य वैन भी संचालित करती है। ग्रामीण स्वास्थ्य पोस्ट, एचआईवी, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य और कुपोषण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अभियानों के माध्यम से समुदायों के लिए गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करती है।