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छत्तीसगढ राज्य का उदय,छग महाविद्यालय में एक दिवसीय व्याख्यानमाला का आयोजन
रायपुर, 26 अक्टूबर 2024/ शासकीय जे. योगानंदम छत्तीसगढ महाविद्यालय के इतिहास परिषद द्वारा एक दिवसीय व्याख्यानमाला को आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अमिताभ बनर्जी ने की। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी महाविद्यालय के विकास में हमेशा सकारात्मक भूमिका अदा करेंगे और महाविद्यालय का नाम रोषन करेंगें। व्याख्यानमाला में मुख्य वक्ता के रूप में संयुक्त संचालक उच्च शिक्षा डॉ. डी. एस. जगत और संयुक्त संचालक जनसंपर्क श्री धनंजय राठौर थे। डॉ. डी. एस. जगत ने छत्तीसगढ राज्य के निर्माण किस तरह से हुआ और कैसे कैसे प्रयास किए गए। उन्होने छत्तीसगढ राज्य की स्थापना हेतु जनआकाक्षाओं को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि इसके लिए अत्यंत व्यवस्थित आंदोलन जनता ने किया। उन्होंने बताया कि 2 नवंबर 1861 को मध्य प्रांत का गठन हआ, इसकी राजधानी नागपुर थी। मध्यप्रांत में छत्तीसगढ़ एक जिला था। सन 1862 में मध्य प्रांत में पाँच संभाग बनाये गये जिसमें छत्तीसगढ़ एक स्वतंत्र संभाग बना, जिसका मुख्यालय रायपुर था, जिसके साथ ही छत्तीसगढ़ में 3 जिलों (रायपुर, बिलासपुर, संबलपुर) का निर्माण भी हुआ। डॉ. जगत ने बताया कि सन् 1918 में पंडित सुंदरलाल शर्मा ने छत्तीसगढ़ राज्य का स्पष्ट रेखा चित्र अपनी पांडुलिपि में खींचा अतः इन्हें छत्तीसगढ़ का प्रथम स्वप्नदृष्टा व संकल्पनाकार कहा जाता है। सन् 1924 में रायपुर जिला परिषद ने संकल्प पारित करके पृथक छत्तीसगढ़ राज्य की माँग की। सन् 1939 में कांग्रेस के त्रिपुरी अधिवेशन में पंडित सुंदरलाल शर्मा ने पृथक छत्तीसगढ़ की माँग रखी। सन् 1946 में ठाकुर प्यारेलाल ने पृथक छत्तीसगढ़ माँग के लिए छत्तीसगढ़ शोषण विरोध मंच का गठन किया जो कि छत्तीसगढ़ निर्माण हेतु प्रथम संगठन था। उन्होने कहा कि सन् 1947 स्वतंत्रता प्राप्ति के समय छत्तीसगढ़ मध्यप्रांत और बरार का हिस्सा था। सन् 1953 में फजल अली की अध्यक्षता में भाषायी आधार पर राज्य पुनर्गठन आयोग के समक्ष पृथक राज्य की माँग की गई। सन् 1955 रायपुर के विधायक ठाकुर रामकृष्ण सिंह ने मध्य प्रांत के विधानसभा में पृथक छत्तीसगढ़ की माँग रखी जो की प्रथम विधायी प्रयास था। डॉ. जगत ने बताया कि सन् 1956 में डॉ. खूबचंद बघेल की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ महासभा का गठन राजनांदगाँव जिले में किया गया। इसके महासचिव दशरथ चौबे थे। इसी वर्ष मध्यप्रदेश के गठन के साथ छत्तीसगढ़ को मध्यप्रदेश में शामिल किया गया। सन् 1967 में डॉक्टर खूबचंद बघेल ने बैरिस्टर छेदीलाल की सहायता से राजनांदगाँव में पृथक छत्तीसगढ़ हेतु छत्तीसगढ़ भातृत्व संघ का गठन किया जिसके उपाध्यक्ष द्वारिका प्रसाद तिवारी थे। सन् 1976 में शंकर गुहा नियोगी ने पृथक छत्तीसगढ़ हेतु छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा का गठन किया। उन्होंने बताया कि सन् 1983 में शंकर गुहा नियोगी के द्वारा छत्तीसगढ़ संग्राम मंच का गठन किया गया। पवन दीवान द्वारा पृथक छत्तीसगढ़ पार्टी का गठन किया गया। एक मई 1998 को मध्यप्रदेश विधान सभा में छत्तीसगढ़ निर्माण के लिए शासकीय संकल्प पारित किया गया। डॉ. जगत ने बताया कि 25 जुलाई 2000 को श्री लालकृष्ण आडवाणी द्वारा लोकसभा में विधेयक प्रस्तुत किया गया। 31 जुलाई 2000 विधेयक लोकसभा में पारित किया गया। 3 अगस्त 2000 राज्यसभा में विधेयक प्रस्तुत किया गया और 9 अगस्त 2000 को राज्यसभा में पारित किया गया। इसे 25 अगस्त 2000 तत्कालीन राष्ट्रपति के आर नारायण ने मध्यप्रदेश राज्य पुर्नगठन अधिनियम का अनुमोदित किया। एक नवंबर 2000 भारतीय संविधान के अनुच्छेद 3 के तहत छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना हुई, छत्तीसगढ़ देश का 26 वाँ राज्य बना। संयुक्त संचालक जनसंपर्क श्री धनंजय राठौर ने भारतीय राष्ट्रवाद के उदय पर विस्तृत रूप से अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने भारत में राष्ट्रवाद के उदय के सात मुख्य कारण हैं। राजनीतिक, आर्थिक और प्रशासनिक एकता, पश्चिमी शिक्षा का प्रभाव, परिवहन साधनों का विकास, सामाजिक-धार्मिक सुधार आंदोलन, मीडिया, समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं का विकास, यूनाइटेड किंगडम द्वारा दुरुपयोग की गई राजनीति और भारत के बाहर राष्ट्रीय आंदोलन को बताया । श्री राठौर ने बताया कि भारत के लम्बे इतिहास में, आधुनिक काल में, भारत में अंग्रेजों के शासनकाल मे राष्ट्रीयता की भावना का विशेषरूप से विकास हुआ। भारत में अंग्रेजी शिक्षा के प्रसार से एक ऐसे विशिष्ट वर्ग का निर्माण हुआ जो स्वतन्त्रता को मूल अधिकार समझता था और जिसमें अपने देश को अन्य पाश्चात्य देशों के समकक्ष लाने की प्रेरणा थी। पाश्चात्य देशों का इतिहास पढ़कर उसमें राष्ट्रवादी भावना का विकास हुआ। इसका तात्पर्य यह नहीं है कि भारत के प्राचीन इतिहास से नई पीढ़ी को राष्ट्रवादी प्रेरणा नहीं मिली है। उन्होने बताया कि भारत में राष्ट्रवादी विचारधारा का अंकुर सत्रहवीं शताब्दी के मध्य से उगने लगा था किन्तु यह धीरे- धीरे विकसित होता रहा और अन्त में पूर्ण हो गया। अतः भारतीय राष्ट्रीय जागृति का काल उन्नीसवीं शताब्दी का मध्य मानना उचित ही होगा। भारत में राष्ट्रवाद के जन्म के कारण जो राष्ट्रीय आन्दोलन प्रारम्भ हुआ वह विश्व में अपने आप में एक अनूठा आन्दोलन था भारत में राजनीतिक जागृति के साथ-साथ सामाजिक तथा धार्मिक जागृति का भी सूत्रपात हुआ। वास्तव मे सामाजिक तथा धार्मिक जागृति के परिणामस्वरूप राजनितिक जागृति का उदय हुआ। ब्रह्म समाज, आर्य समाज, रामकृष्ण मिशन एवं थियोसोफिकल सोसायटी आदि विशेषरूप से उल्लेखनीय हैं, जिसके प्रवर्तक क्रमशः राजा राममोहन राय, स्वामी दयानन्द, स्वामी विवेकानन्द, एवं श्रीमती एनी बेसेन्ट आदि थे। इन सुधारकों ने भारतीयों में आत्मविश्वास जागृत किया तथा उन्हें भारतीय संस्कृति की गौरव गरिमा का ज्ञान कराया, उन्हें अपनी संस्कृति की श्रेष्ठता के बारे में पता चला। इन महान व्यक्तियों में राजा राम मोहन राय को भारतीय राष्ट्रीयता का अग्रदूत कहा जा सकता है। उन्होंने समाज तथा धर्म मे व्याप्त बुराईयों को दूर करने हेतु अगस्त 1828 ई0 मे ब्रह्म समाज की स्थापना की। राजा राम मोहन राय ने सती प्रथा, छुआ-छूत जाति मे भेदभाव एवं मूर्ति पूजा आदि बुराईयों को दूर करने का प्रयास किया। उनके प्रयासो के कारण आधुनिक भारत का निर्माण सम्भव हो सका। पाश्चात्य शिक्षा से भारत को हानि की अपेक्षा लाभ अधिक हुआ। इससे भारत में राष्ट्रीय चेतना जागृत हुई अतः दृष्टि से पाश्चात्य शिक्षा भारत के लिए एक वरदान सिद्ध हुई। ‘ श्री राठौर ने बताया कि प्रसिद्ध समाचार पत्रों में संवाद्कौमुदी, बाम्बेसमाचार (1882), बंगदूत (1831), गस्तगुफ्तार (1851), अमृतबजारपत्रिका (1868), ट्रिब्यून (1877), इण्डियन मिरर, हिन्दू, पैट्रियाट, बंगलौर, सोमप्रकाश, कामरेड, न्यु इण्डियन केसरी, आर्य दर्शन एवं बन्धवा आदि के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। इनके माध्यम से राष्ट्रवादी तत्त्वों को सत्त प्रेरणा और प्रोत्साहन मिलता रहा। भारतीय साहित्यकारों ने भी देश की भावना को जागृत करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। श्री बंकिमचन्द्र चटर्जी ने ‘वन्देमातरम्’ के रूप मे देशवासियों को राष्ट्रीय गान दिया। इनसे भारतीयों में देश-प्रेम की भावना जागृत हुई। मराठी साहित्य में शिवाजी का मुगलों के विरुद्ध संघर्ष विदेशी सत्ता के विरुद्ध संघर्ष बताया गया। श्री हेमचन्द्र बैनर्जी ने अपने राष्ट्रीय गीतों द्वारा स्वाधीनता की भावना को प्रोत्साहन दिया। श्री बिपिन चन्द्र पाल लिखते है, ”राष्ट्रीय प्रेम तथा जातीय स्वाभिमान को जागृत करने में श्री हेमचन्द्र द्वारा रचित कविताएँ अन्य कवियों की ऐसी कविताओं में कहीं अधिक प्रभावोत्पादक थी।“ श्री राठौर ने कहा कि अंग्रेजों के आर्थिक शोषण के विरुद्ध भारतीय जनता में असन्तोष था। वह इस शोषण से मुक्त होना चाहती थी। इसलिए भारतीयों ने राष्ट्रीय आन्दोलन में सक्रियरूप से भाग लेना प्रारम्भ कर दिया। लार्ड लिटन (1876 – 1880) की प्रतिक्रियावादी नीति के कारण राष्ट्रीय असन्तोष आरम्भ हुआ। परिणामस्वरूप भारत में राष्ट्रीयता की भावना का जन्म हुआ। इस अवसर पर डॉ. राजेश शुक्ला डॉ. साहसी, डॉ. मोनिका, डॉ. अरूणा, डॉ.निशा शर्मा, डॉ. रजनी यदु, डॉ. अनूप परसाई, डॉ. माना जैन, डॉ. विनीता स्वर्णकार, डॉ. शिल्पी शुक्ला, डॉ. जया गुप्ता,डॉ. सविता वर्मा, डॉ. शोभना सेन, महाविद्यालय प्राघ्यापक और सयहायक प्राघ्यापक सहित विद्यार्थी बडी संख्या में उपस्थित थे। -
बालको और एसईसीएल पर जमकर भड़के प्रभारी मंत्री व श्रम मंत्री
0 सीईओ की अनुपस्थिति से हुए नाराज, सीएसआर के कार्यों का मांगा ब्यौरा तो दे न सके
0 अगली बैठक से पहले भू विस्थापितों के रोजगार प्रकरण निपटाने एसईसीएल को निर्देश
कोरबा। छत्तीसगढ़ शासन के लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, विधि और विधायी कार्य एवं नगरीय प्रशासन विभाग एवं जिले के प्रभारी मंत्री अरूण साव बुधवार को कोरबा प्रवास पर रहे। उन्होंने जिला पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन समिति की बैठक ली। जिला पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन समिति की बैठक में सभी महाप्रबंधक एसईसीएल तथा अन्य सार्वजनिक उपक्रम के अधिकारियों और विभागीय अधिकारियों को उपस्थित रहने निर्देशित किया गया था।
प्रभारी मंत्री ने जिला पुनर्वास समिति की लगभग 4 घंटे तक मैराथन बैठक ली। उन्होंने विभिन्न विषयों और बिंदुओं पर बारीकी से गहन चर्चा की और अधिकारियों को निर्देश दिए। बैठक के प्रारंभ होते ही जब बालको के सीईओ राजेश कुमार के अनुपस्थिति की उन्हें जानकारी हुई तो वह काफी नाराज हुए। उन्होंने तत्काल सीईओ को तलब करने के लिए कहा। प्रभारी मंत्री की नाराजगी सीईओ तक पहुंचते ही वह दौड़े-भागे बैठक में शामिल होने पहुंचे। सीईओ से प्रभारी मंत्री ने सीधे सवाल दागा कि कोरबा के विकास में बालको के सीएसआर मद से क्या कार्य कर रहे हैं? सवाल पर सीईओ ने सहज होते हुए बताया कि महिला समूहों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दोना-पत्तल प्रसंस्करण इकाई बाल लको प्रबंधन संचालित कर रहा है। इसके अलावा कुछ और भी कार्य उन्होंने बताए लेकिन यह सुनते ही प्रभारी मंत्री भड़क उठे और कहा कि दोना पत्तल इकाई से शहर का विकास कहां हो रहा है और प्रभावित क्षेत्रों में कौन से विकास कार्य हो रहे हैं। यह व्यक्तिगत लाभ का मामला है लेकिन बालको प्रबंधन सीएसआर से क्षेत्र की जर्जर सड़कों, जनसुविधाओं के विकास में क्या कार्य हो रहे हैं यह बताएं, इस पर बालको सीईओ बगलें झांकने लगे। प्रभारी मंत्री ने पूछा कि आईटी कॉलेज को जो राशि देने का वादा किया था उसका क्या हुआ, किए गए वादे के मुताबिक 7 करोड़ रुपए आज भी बकाया हैं। प्रभारी मंत्री ने बालको सीईओ को यह राशि तत्काल आईटी कॉलेज को देने के निर्देश दिए ताकि वहां की व्यवस्थाओं और वेतन में प्रगति लाई जा सके। प्रभारी मंत्री ने कहा कि जिन भी उपक्रमों ने आईटी कॉलेज को राशि देने की बात कही थी, वह राशि का भुगतान करें तो आईटी कॉलेज को सुचारू से संचालित किया जा सके। बालको सीईओ को कहा गया कि वे सीएसआर मद से शहर क्षेत्र के विकास में गंभीरता से कार्य करें।
इसी तरह एसईसीएल प्रबंधन के कोरबा, कुसमुंडा, गेवरा, दीपका के उपस्थित मुख्य महाप्रबंधक, प्रबंधकों को निर्देश दिए कि वे सभी भू- विस्थापितों के रोजगार संबंधी मुद्दे पर गंभीरता से कार्य करें। जितने भी आवेदन लंबित पड़े हैं उनका गंभीरता के साथ निराकरण करें कि नौकरी दे सकते हैं या नहीं दे सकते, तो क्यों नहीं दे सकते। पुनर्वास समिति की अगली बैठक से पहले इसकी शॉर्ट लिस्ट तैयार कर ली जाए। रोजगार के अलावा भू विस्थापितों के मुआवजा, पुनर्वास, व्यवस्थापन सम्बंधित जो भी मसले हैं, उनका पूरी गंभीरता के साथ निराकरण करें। एसईसीएल के अधिकारियों को उन्होंने कई मुद्दों पर घेरते हुए जमकर नाराजगी जाहिर की।
बता दें कि खदान प्रभावितों के लंबित मामलों का निराकरण में हीला हवाला किए जाने के कारण सरकार की छवि खराब हो रही है जिसे लेकर प्रभारी मंत्री काफी गंभीर नजर आए। आज सुबह ही प्रभारी मंत्री से मिलकर भू-विस्थापितों के प्रतिनिधिमंडल ने विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी देते हुए ज्ञापन सौंपा था। प्रभारी मंत्री ने इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने बैठक में उपस्थित एसईसीएल के अलावा संबंधित विभागीय अधिकारियों को भी इस संबंध में आवश्यक सहयोग व प्रगति लाने के लिए निर्देशित किया।
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ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल, बनारी, जांजगीर के प्री-प्रायमरी विभाग में रेड डे मनाया गया।
ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल बनारी, जांजगीर में संस्था के संचालक श्री आलोक अग्रवाल एवं प्राचार्या श्रीमती सोनाली सिंह जी के निर्देशन में दिनांक 19 अक्टूबर 2024 को प्री-प्रायमरी विभाग में रेड डे मनाया गया। इस अवसर पर नन्हें-मुन्हें विद्यार्थियों के लिये भिन्न-भिन्न प्रकार कीे गतिविधियाँ आयोजित कराई गई। रेड डे के उपलक्ष्य में कक्षा-नर्सरी से यू.के.जी तक के विद्यार्थियों को लाल रंग के परिधान धारण कर विद्यालय बुलाया गया। इस अवसर पर गतिविधियों में मुख्य रूप से- सैंड पिट गतिविधि एवं नृत्य गतिविधि रहीं। विद्यार्थीगण इन गतिविधियों में सम्मिलित होकर उत्साह एवं उमंग से भर उठे। विद्यार्थियों को रेत के माध्यम से विभिन्न कलाकृति उकेरना सिखाया गया। संगीत की धुन में नांचते गाते नन्हें-मुन्हें बच्चें खुशी से झूमते नज़र आये। शिक्षक-शिक्षिकाओं द्वारा विद्यार्थियों को लाल रंग के महत्व के विषय में जानकारी प्रदान की गई। इस गतिविधि के सफल संचालन में संस्था के समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं, एडमिन स्टाफ तथा ग्राउंड लेवल स्टाफ का विशेष योगदान रहा।
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मीडिया की भूमिका मार्गदर्शक की तरह: आईपीएस राजेश कुकरेजा
प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में शामिल हुए प्रभारी एसपी
कोरबा। जिले के प्रभारी पुलिस अधीक्षक राजेश कुकरेजा आज कोरबा प्रेस क्लब के तिलक भवन में आयोजित प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में पत्रकारों से सीधे रूबरू हुए, जहां उन्होंने मीडिया की भूमिका को मार्गदर्शन की तरह बताते हुए कहा कि पत्रकार बहुत से मुद्दे को लिखते हैं जिसमें समाज की ऐसी समस्या भी होती है जो पुलिस विभाग से जुड़ी होती है, ऐसे मुद्दों को ध्यान में रखते हुए पुलिस जरूरी कार्यवाही करती है जिससे मुद्दे गंभीर होने से पहले हल हो जाते हैं। कोरबा में 15 दिनों के दौरान मीडिया की भूमिका मैंने करीब से देखा, इस दौरान हर दिन अखबार व न्यूज़ चैनलों के खबरों में जनता की आवाज नजर आई। मुझे नवरात्रि पर्व के दौरान कोरबा का प्रभार मिला इस दौरान इस दौरान में हर जगह मेला-गरबा का आयोजन हो रहा था। मैं पूजा पंडाल, मंदिर समेत ऐसे सभी जगह पहुंचा और लोगों से मुलाकात की। इस दौरान आम लोगों की सुरक्षा व यातायात व्यवस्था के लिए पुलिस अधिकारी-कर्मचारी मुस्तैद दिखे।जिससे पूरे सीजन में किसी तरह की अप्रिय वारदात नहीं हुई। शहर में भी यातायात व्यवस्था सुगम बना रहा, इसके लिए अधिकारी कर्मचारी प्रशंसा के पात्र हैं जिन्होंने सुबह से देर रात तक मुस्तैदी से ड्यूटी की।
कार्यक्रम के दौरान प्रेस क्लब के पदाधिकारी एवं सदस्यों ने आईपीएस आईपीएस राजेश कुकरेजा का स्वागत किया। कार्यक्रम के अंत में प्रेस क्लब के वरिष्ठ सदस्यों द्वारा श्री कुकरेजा का स्मृति चिन्ह भेंट करके उनका सम्मान किया। इस दौरान नगर पुलिस अधीक्षक भूषण एक्का, नगर कोतवाल एम.बी. पटेल, यातायात एएसआई मनोज राठौर, एएसआई अजय सिंह सहित अन्य पुलिस अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
ऐसा लगा जैसे त्यौहार में घूमने कोरबा पहुंचा
आईपीएस राजेश कुकरेजा दो दशक पहले कोरबा सीएसपी के पद पर पदस्थ थे। प्रेस से मिलिए कार्यक्रम के दौरान उन्होंने तब का अनुभव साझा करते हुए कहा कि कोरबा के पत्रकार मेरे परिवार के सदस्य की तरह हैं। कोरबा बिल्कुल अपना जैसा लगता है। त्योहारी सीजन में जब आया तो मुझे ऐसा महसूस हुआ कि जैसा कोई त्यौहार के समय बाहर से घर आता है वैसा मैं भी आया हूं, यह बड़ा ही सुखद अनुभव रहा।
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जेएसएस कोरबा में साइबर सुरक्षा जन जागरूकता कार्यक्रम संपन्न
कोरबा : कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रायोजित जन शिक्षण संस्थान कोरबा में आज साइबर सुरक्षा जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया कोरबा जिले में शासन के मंशानुरूप पुलिस अधीक्षक कोरबा राजेश कुकरेजा के निर्देशन पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नेहा वर्मा के मार्गदर्शन में सजग कोरबा के अंतर्गत सायबर सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस कड़ी में जेएसएस के हितग्राहियों को जागरूक किया गया
साइबर सेल कोरबा से आये डेमन ओगरे के कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा की 5 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक संपूर्ण कोरबा जिले में जिला पुलिस द्वारा साइबर जागरूकता पखवाड़ा कार्यक्रम चलाया जा रहा है टीम द्वारा स्कूल कॉलेज एवं अन्य स्थानों पर जाकर लोगो को साइबर फ्रॉड के संबंध में जागरूक किया जा रहा है इन्होने बताया की साइबर अपराध दुनिया में खतरनाक रूप से प्रचलित हो गया है, जहाँ अधिकांश लेन-देन डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करके ऑनलाइन किए जाते हैं। साइबर अपराध की पहुंच कोई भौतिक सीमा नहीं जानती। अपराधी, पीड़ित और तकनीकी अवसंरचना दुनिया भर में फैली हुई है। व्यक्तिगत और उद्यम स्तर पर सुरक्षा कमजोरियों का फायदा उठाने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ, साइबर अपराध कई रूप लेता है और लगातार विकसित होता रहता है। इस अवसर पर गुनाराम सिन्हा, प्रशांत सिंह, सावित्री जेना, तृष्या मोहंती, लक्ष्मी चटर्जी, सुनीता राठौर, विजयलक्ष्मी महंत, किशोर महंत, नरेंद्र साहू, संजय, अंजू, अनीता एवं बड़ी संख्या में हितग्राही उपस्थित थे
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अटल बिहारी यूनिवर्सिटी से कालेज शिक्षिका को पीएचडी
अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर से खुश्बू राठौर ने डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) की डिग्री हासिल की है।
उनका शोध का विषय इम्पेक्ट ऑफ वेलफेयर एक्टिविटी ऑन लीडरशिप स्किल एवं सोशल मोटिवेशन ऑफ स्टूडेंट एट अंडर ग्रेजुएट रहा है जो शिक्षा और नेतृत्व विकास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान है। शिक्षिका खुशबू राठौर ने यह शोध प्रतिष्ठित मार्गदर्शक डॉ. स्वाति जाजू, प्रचार्य, शिक्षा विभाग, मौलाना आज़ाद कॉलेज ऑफ एजुकेशन, बिलासपुर के निर्देशन में पूर्ण किया
उनके इस शोध में यह निष्कर्ष निकाला गया कि कल्याणकारी गतिविधियाँ केवल पाठ्येतर क्रियाएँ नहीं हैं, बल्कि वे नेतृत्व क्षमता को विकसित करने और सामाजिक प्रेरणा को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती हैं। इन गतिविधियों से छात्रों के भीतर जिम्मेदारी की भावना, नेतृत्व कौशल, और सामूहिक सहयोग की क्षमता का विकास होता है, जो उन्हें समाज में अधिक प्रभावशाली और प्रेरित नागरिक बनने में सहायता करता है। इस शोध ने यह भी उजागर किया है कि स्नातक स्तर पर छात्रों की शिक्षा में कल्याणकारी गतिविधियों का समावेश उनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास को कैसे प्रभावित कर सकता है। इस अध्ययन के परिणाम नीति निर्माताओं, शिक्षकों और विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत करते हैं।
शोधार्थी के बारे में:
खुश्बू राठौर ने अपने अकादमिक करियर को शिक्षा, नेतृत्व और सामाजिक विकास के अध्ययन के प्रति समर्पित किया है। उनका शोध छात्रों के समग्र विकास को प्रोत्साहित करने के लिए शैक्षिक सुधारों को प्रेरित कर रहा है उन्होंने इस सफलता के लिए अपने गुरुजनों व शुभचिन्तको का आभार जताया है -
छत्तीसगढ़ के महामहिम राज्यपाल के हाथों हुआ श्री नारायणी धाम सेवा समिति के संस्थापक महेंद्र मित्तल का सम्मान
चाम्पा- छत्तीसगढ़ के महामहिम राज्यपाल रमेंन डेका के हाथों 13 अक्टूबर 2024 को राजधानी रायपुर में आयोजित अग्रसेन जयंती समारोह के दौरान जांजगीर चांपा जिले के चाम्पा की प्रतिष्ठित धार्मिक संस्था श्री नारायणी धाम सेवा समिति के संस्थापक महेंद्र मित्तल का सम्मान किया गया। अवसर था छत्तीसगढ़ प्रांतीय अग्रवाल संगठन के श्री अग्रसेन जयंती समारोह एवं साधारण सभा की कार्यकारिणी बैठक का, इस अवसर पर श्री नारायणी धाम सेवा समिति चाम्पा की ओर से संस्थापक अध्यक्ष महेंद्र मित्तल ने यह सम्मान ग्रहण किया तथा महामहिम राज्यपाल के साथ अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन के राष्ट्रीय चैयरमेन प्रदीप मित्तल दिल्ली, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सियाराम अग्रवाल रायपुर,प्रांतीय अध्यक्ष नेतराम अग्रवाल भिलाई,प्रांतीय चैयरमेन डॉक्टर अशोक सियाराम अग्रवाल, राजेंद्र अग्रवाल राजू, अशोक मोदी, रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल, बसना के विधायक डॉक्टर संपत अग्रवाल, दीनदयाल गोयल, जयदेव सिंघल, महेंद्र सेक्सरिया, आशीष सेक्सरिया, अग्रवाल सभा रायपुर के अध्यक्ष विजय अग्रवाल,रायपुर सेंट्रल मारवाड़ी युवा मंच के अध्यक्ष नितेश अग्रवाल,डॉ. अनिता अग्रवाल सहित संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी मंचस्थ रहे तथा इस दौरान नारायणी धाम सेवा समिति चाम्पा के संस्थापक महेंद्र मित्तल ने छत्तीसगढ़ प्रांतीय अग्रवाल संगठन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज हमारी संस्था को मिला यह सम्मान गौरव का विषय है एवं आप सभी का स्नेह इसी तरह से नारायणी धाम समिति पर बना रहे,ज्ञात हो कि विगत महीनो श्री नारायणी धाम सेवा समिति चाम्पा के संस्थापक अध्यक्ष महेंद्र मित्तल के आतिथ्य में चाम्पा में छत्तीसगढ़ प्रांतीय अग्रवाल संगठन की भव्य एवं सफल बैठक का आयोजन किया गया था, तथा छत्तीसगढ़ प्रदेश के विभिन्न शहरों से आए संगठन के पदाधिकारीयो ने जहां नारायणी धाम में मां रानी सती दादी के दर्शन किए तो वही प्रसाद भी ग्रहण किया, तथा यह बैठक अपने आप में एक ऐतिहासिक तथा यादगार बैठक थी, जिसमें सैकड़ो की संख्या में संगठन के सदस्य मौजूद रहे तथा इस बैठक में समाज हित एवं संगठन हित में अनेकों निर्णय लिए गए थे, तथा इस बैठक में श्री नारायणी धाम सेवा समिति चाम्पा के सभी सदस्य सह परिवार शामिल हुए, जिन्होंने आगंतुक सभी अतिथियों का सम्मान भी किया था।
नारायणी धाम सेवा समिति ने दी डॉ.अशोक सियाराम अग्रवाल को बधाई
चाम्पा-श्री नारायणी धाम सेवा समिति चाम्पा के संस्थापक सदस्य महेंद्र मित्तल ने छत्तीसगढ़ प्रांतीय अग्रवाल संगठन के निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित होने पर डॉक्टर अशोक सियाराम अग्रवाल को पूरी समिति की ओर से बधाई एवं शुभकामनाएं दी है, तथा महेंद्र मित्तल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ प्रांतीय अग्रवाल संगठन सदैव सेवा के काम एवं रचनात्मक कार्य करता है, तथा डॉ अशोक सियाराम अग्रवाल के नेतृत्व में यह संगठन और अधिक ऊंचाइयों को छूएगा
नवरात्रि पर्व पर नारायणी धाम सेवा समिति ने 700 कन्याओं का किया पूजन एवं कराया भोज
चाम्पा- नवरात्रि के नवमी के पावन पर्व पर श्री नारायणी धाम सेवा समिति चाम्पा ने मंदिर परिसर में 700 कन्याओं का पूजन कर कन्या भोज कराया, इस अवसर पर समिति की ओर से जहां सभी कन्याओं का पूजन कर उन्हें भेंट स्वरूप उपहार सामग्री दी गई, तो वहीं भोज भी कराया गया, इस दौरान समिति के सदस्य सहित चांपा शहर के भी विभिन्न नागरिक बंधुओ ने वहां उपस्थित होकर कन्या पूजन एवं कन्या भोज में शामिल होकर उनका आशीर्वाद लिया एवं भेंट स्वरूप उपहार सामग्री प्रदान की।
नवरात्रि पर्व पर नारायणी धाम परिसर में हुआ मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित
चाम्पा- श्री नारायणी धाम सेवा समिति द्वारा नवरात्रि के पावन पर्व पर मंदिर परिसर में मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित किए गए तथा इस अवसर पर प्राणी सती दादी झुन्झनू वाली की पूजा अर्चना करते हुए खुशहाली की कामना की गई।
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प्रदेश में कानून व्यवस्था तार-तार : नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत
जिला-दर-जिला जल रहा और फेलवर गृहमंत्री…
सूरजपुर में दोहरे हत्याकांड के बाद गैंगरेप की घटनाछत्तीसगढ़ प्रदेश का शांत जिला बलौदाबाजार, कवर्धा के बाद सूरजपुर जिला जल रहा है और प्रदेश के फेलवर गृहमंत्री विजय शर्मा कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त करने के बजाय उलजुलूल बयानबाजी कर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सूरजपुर में प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की हत्या के मामले में तल्ख शब्दों में बयान जारी करते हुए कहा कि आरोपी कोई भी हो और किसी से भी वास्ता रखता हो उस पर कठोर कार्यवाही करने से गृहमंत्री को किसने रोका है। हद तो तब हो गई जब इसी हत्यारे ने एक दिन पहले आरक्षक पर गर्म तेल उडेला था, उसके बाद भी पुलिस प्रशासन ने सतर्कता क्यों नहीं बरती। इससे पहले भी बलौदाबाजार में कलेक्ट्रेट को आगजनी के हवाले किया गया और कवर्धा के लोहारीडीह में भी इसी तरह की घटना घटित हुई। पूरे मामले में कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने के बजाय प्रदेश के फेलवर गृहमंत्री केवल बयानबाजी करते रहे और अधिकारियों को बलि का बकरा बनाया गया जबकि इसकी पूरी जिम्मेदारी सबसे पहले गृहमंत्री पर बनती है जिन्हें प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आखिर इतनी खुली छूट क्यों दे रखी है, चिंता का विषय है। नेता प्रतिपक्ष ने सूरजपुर में दोहरे हत्याकांड के बाद दशहरा देखने पहुंची एक 12वीं की छात्रा के साथ एक बेहद ही शर्मनाक गैंगरेप की घटना ने मन को उद्वेलित कर दिया है। डॉ. महंत ने कहा कि शांति का यह प्रदेश में घट रही घटनाओं को भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री और उनके गृहमंत्री को कड़ी कार्यवाही करना चाहिए जबकि ये नेता केवल उलजुलूल बयानबाजी कर घटना पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं। डॉ. महंत ने साफ तौर पर कहा है कि अपराध और अपराधी किसी के नहीं होते उन पर कड़ी कार्यवाही किए जाने की सभी राजनैतिक दल और जनप्रतिनिधि खुली वकालत करते है। इसमें कोई किंतु-परंतु जैसा विषय ही नहीं है। -
प्रभारी एसपी दुर्गोत्सव में पहुंचे, गरबा-डांडिया के विनर को किया पुरस्कृत
कोरबा जिले के प्रभारी पुलिस अधीक्षक राजेश कुकरेजा आईपीएस बुधवार को वार्ड क्रमांक-2 साकेत नगर स्थित तुलसीनगर में आयोजित श्री श्री नवयुवक सार्वजनिक पूजा समिति द्वारा आयोजित नव दुर्गा पूजा पंडाल पहुंचकर मां दुर्गा का दर्शन कर जिले और प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर आयोजित देवी स्वरूप कन्याओं और मातृशक्ति द्वारा आयोजित गरबा-डांडिया नृत्य में शामिल लोगों का उत्साहवर्धन किया। प्रभारी एसपी राजेश कुकरेजा व नगर कोतवाल एमबी पटेल का पार्षद आरती विकास अग्रवाल और पूर्व पार्षद विकास अग्रवाल सहित समिति के लोगों ने स्वागत किया। प्रभारी एसपी ने बुधवार को गरबा-डांडिया नृत्य में शामिल राधा-कृष्ण की वेशभूषा में आयोजित स्पर्धा में शामिल लोगों को पुरस्कृत किया। श्री कुकरेजा ने कहा कि 20 साल पहले कोरबा में सेवा देने के बाद अल्प समय के लिए प्रभारी एसपी के रूप में कार्य के दौरान व विशेषकर नवरात्रि के मौके पर विभिन्न पूजा-पंडालों में पहुंचकर पुराने लोगों और क्षेत्र के लोगों से मिलकर आत्मीय खुशी हो रही है। जिले में नवरात्रि त्यौहार शांति और सद्भावना के साथ मनाया जाए, यह उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है। इस कार्य में जिले के नागरिकों और जनप्रतिनिधियों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष बाला सोनी, सचिव निक्की ठाकुर, राजेन्द्र जायसवाल, कुंदन गुप्ता, विरेन्द्र दास महंत, लक्की दास महंत, भुरु गुप्ता, सूरज यादव, साहिल जांगड़े सहित बड़ी संख्या में वार्डवासी उपस्थित थे।
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छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता : पुरुष वर्ग में राजनांदगांव व महिला वर्ग में बिलासपुर बनी चैम्पियन
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हॉकी द्वारा संचालित एवं जिला हॉकी संघ बिलासपुर द्वारा आयोजित 5वीं छत्तीसगढ़ सीनियर पुरूष एवं महिला राज्य स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता का समापन स्व. बीआर यादव अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम बिलासपुर में अमर अग्रवाल विधायक बिलासपुर के मुख्य आतिथ्य, पंकज तिवारी जिला ओलम्पिक संघ के अध्यक्ष, मृणाल चौबे अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी के विशिष्ट आतिथ्य में एवं छत्तीसगढ़ हॉकी के महासचिव मनीष श्रीवास्तव, जिला हॉकी संघ के अध्यक्ष रोहित बाजपेयी, जिला हॉकी संघ के सचिव रवि पारीक, आयोजन सचिव अमिताभ मानिकपुरी धनराज यादव, इकलाक अली, शेख मुईनुद्धीन, सोनू सिंह, मंजुला बिस्वाश, पूर्णिमा पिल्ले, रेखा गुल्ला की उपस्थिति में हुआ।