0 सीईओ की अनुपस्थिति से हुए नाराज, सीएसआर के कार्यों का मांगा ब्यौरा तो दे न सके
0 अगली बैठक से पहले भू विस्थापितों के रोजगार प्रकरण निपटाने एसईसीएल को निर्देश
कोरबा। छत्तीसगढ़ शासन के लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, विधि और विधायी कार्य एवं नगरीय प्रशासन विभाग एवं जिले के प्रभारी मंत्री अरूण साव बुधवार को कोरबा प्रवास पर रहे। उन्होंने जिला पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन समिति की बैठक ली। जिला पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन समिति की बैठक में सभी महाप्रबंधक एसईसीएल तथा अन्य सार्वजनिक उपक्रम के अधिकारियों और विभागीय अधिकारियों को उपस्थित रहने निर्देशित किया गया था।
प्रभारी मंत्री ने जिला पुनर्वास समिति की लगभग 4 घंटे तक मैराथन बैठक ली। उन्होंने विभिन्न विषयों और बिंदुओं पर बारीकी से गहन चर्चा की और अधिकारियों को निर्देश दिए। बैठक के प्रारंभ होते ही जब बालको के सीईओ राजेश कुमार के अनुपस्थिति की उन्हें जानकारी हुई तो वह काफी नाराज हुए। उन्होंने तत्काल सीईओ को तलब करने के लिए कहा। प्रभारी मंत्री की नाराजगी सीईओ तक पहुंचते ही वह दौड़े-भागे बैठक में शामिल होने पहुंचे। सीईओ से प्रभारी मंत्री ने सीधे सवाल दागा कि कोरबा के विकास में बालको के सीएसआर मद से क्या कार्य कर रहे हैं? सवाल पर सीईओ ने सहज होते हुए बताया कि महिला समूहों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दोना-पत्तल प्रसंस्करण इकाई बाल लको प्रबंधन संचालित कर रहा है। इसके अलावा कुछ और भी कार्य उन्होंने बताए लेकिन यह सुनते ही प्रभारी मंत्री भड़क उठे और कहा कि दोना पत्तल इकाई से शहर का विकास कहां हो रहा है और प्रभावित क्षेत्रों में कौन से विकास कार्य हो रहे हैं। यह व्यक्तिगत लाभ का मामला है लेकिन बालको प्रबंधन सीएसआर से क्षेत्र की जर्जर सड़कों, जनसुविधाओं के विकास में क्या कार्य हो रहे हैं यह बताएं, इस पर बालको सीईओ बगलें झांकने लगे। प्रभारी मंत्री ने पूछा कि आईटी कॉलेज को जो राशि देने का वादा किया था उसका क्या हुआ, किए गए वादे के मुताबिक 7 करोड़ रुपए आज भी बकाया हैं। प्रभारी मंत्री ने बालको सीईओ को यह राशि तत्काल आईटी कॉलेज को देने के निर्देश दिए ताकि वहां की व्यवस्थाओं और वेतन में प्रगति लाई जा सके। प्रभारी मंत्री ने कहा कि जिन भी उपक्रमों ने आईटी कॉलेज को राशि देने की बात कही थी, वह राशि का भुगतान करें तो आईटी कॉलेज को सुचारू से संचालित किया जा सके। बालको सीईओ को कहा गया कि वे सीएसआर मद से शहर क्षेत्र के विकास में गंभीरता से कार्य करें।
इसी तरह एसईसीएल प्रबंधन के कोरबा, कुसमुंडा, गेवरा, दीपका के उपस्थित मुख्य महाप्रबंधक, प्रबंधकों को निर्देश दिए कि वे सभी भू- विस्थापितों के रोजगार संबंधी मुद्दे पर गंभीरता से कार्य करें। जितने भी आवेदन लंबित पड़े हैं उनका गंभीरता के साथ निराकरण करें कि नौकरी दे सकते हैं या नहीं दे सकते, तो क्यों नहीं दे सकते। पुनर्वास समिति की अगली बैठक से पहले इसकी शॉर्ट लिस्ट तैयार कर ली जाए। रोजगार के अलावा भू विस्थापितों के मुआवजा, पुनर्वास, व्यवस्थापन सम्बंधित जो भी मसले हैं, उनका पूरी गंभीरता के साथ निराकरण करें। एसईसीएल के अधिकारियों को उन्होंने कई मुद्दों पर घेरते हुए जमकर नाराजगी जाहिर की।
बता दें कि खदान प्रभावितों के लंबित मामलों का निराकरण में हीला हवाला किए जाने के कारण सरकार की छवि खराब हो रही है जिसे लेकर प्रभारी मंत्री काफी गंभीर नजर आए। आज सुबह ही प्रभारी मंत्री से मिलकर भू-विस्थापितों के प्रतिनिधिमंडल ने विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी देते हुए ज्ञापन सौंपा था। प्रभारी मंत्री ने इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने बैठक में उपस्थित एसईसीएल के अलावा संबंधित विभागीय अधिकारियों को भी इस संबंध में आवश्यक सहयोग व प्रगति लाने के लिए निर्देशित किया।
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